कमियाँ तो मुझमें भी बहुत है दोस्त, पर मैं बेईमान नहीं, मैं सबको अपना मानता हूँ, सोचता हूँ फायदा या नुकसान नहीं.. एक शौक है शान से जिंदगी जीने का, कोई और मुझमें गुमान नहीं... छोड़ दूँ बुरे वक़्त में अपनों का साथ, वैसा तो मैं इंसान नहीं....।
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