धीरु भाई अंबानी की सफलता की कहानी | Dhiru bhai ambani success story
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धीरु भाई अंबानी की सफलता की कहानी | Dhiru bhai ambani success story
Tag- धीरु भाई अंबानी की जीवनी, मुकेश अंबानी 1 दिन में कितने पैसे कमा लेते हैं?,धीरुभाई कितने भाई थे?,मुकेश अंबानी का फोन नंबर क्या है?,मुकेश अंबानी का कौन सा गांव है?,धीरूभाई अंबानी की कहानी,अंबानी परिवार का इतिहास,धीरूभाई अंबानी का घर,धीरूभाई अंबानी का फोटो,धीरूभाई अंबानी की कुंडली,धीरूभाई अंबानी के कितने बेटे हैं,धीरूभाई अंबानी कुल कितने भाई -बहन थे?
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है अमर और मेरे ब्लॉग “हिन्दी शायरी ऐक्सप्रैस 2022” में आपका स्वागत है । आशा है कि आप सभी अपने-अपने काम में व्यस्त होंगे । आज हम भारत के प्रसिद्ध उधोगपति धीरज लाल हीरा लाल अबांनी यानी धीरु भाई अंबानी के बारे में जानेंगे जिन्होने भारत की विदेशों में एक गरीब देश की छवि को हटा कर एक अमीर और उधोगपतियों के देश की छवि को बरकरार किया ।
धीरु भाई अंबानी कौन थे व उनका बचपन का नाम क्या था ?
धीरज लाल हीरा लाल अंबानी जो ज्यादातर धीरु भाई अंबानी के नाम से जाने जाते है जिनकी ख्याति देश में ही नही विदेशों में भी फैली हुई है । धीरु भाई अंबानी Business की दुनियां के बैताज बादशाह थे । धीरु भाई अंबानी का नाम उन Businessman की सूची में सबसे उपर आता है जो अपने दम जिन्होने अपने सपनों को हकीकत में बदलकर पूरी दुनियां को यह दिखाया और यह साबित कर दिया कि एक सफल Businessman बनने के लिए पढाई-लिखाई नही हिम्मत और लगन की जरुरत होती है । धीरु भाई अंबानी ने पुरी दुनिया को बता दिया कि अगर खुद पर कुछ बनने का विश्वास हो तो सफलता आपके कदम निश्चित ही चुमती है । धीरु भाई अंबानी का मानना था कि जो आदमी सपने देखने की हिम्मत करता है वह आदमी पूरी दुनियां को जीत सकता है । धीरु भाई अंबानी वह शख्शियत थे जिन्होने ना सिर्फ Business की दुनियां में खुद का नाम कमाया बल्कि हमारे देश को भी Business की दुनिया में एक नई पहचान दिलवाई ।
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धीरु भाई अंबानी का बचपन कैसा गुजरा था?
एक बहुत ही गरीब खान-दान में पैदा हुए धीरु भाई अंबानी ने बङे Businessman बनने के सपने देखे और अपनी कठिन मेहनत के दम पर सपनों को हकीकत का रुप भी दिया । आइये जानते है भारत के सबसे सफल और बङे Businessman धीरु भाई अंबानी के जीवन से जुङी कुछ खास बातों के बारे में ।
धीरु भाई अंबानी कितने बहन-भाई थे?
धीरु भाई अंबानी का जन्म गुजरात के जूनागढ के पास एक छोटे से गांव चोरवाङ में एक साधारण अध्यापक के घर 28 दिसम्बर 1932 को हुआ था । धीरु भाई अंबानी का बचपन का नाम धीरज लाल हीरा लाल अंबानी था और इनकी माता का नाम जमना बाई था । इनके पिता गोवर्धन अंबानी एक स्कूल में साधारण शिक्षक थे । 4 अन्य बहन-भाईयों के साथ धीरु भाई अंबानी का पढाई करना काफी मुश्किल था ।
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धीरु भाई अंबानी कितने पढे-लिखे थे?
एक साधारण शिक्षक होने के कारण धीरु भाई के पिता गोवर्धन अंबानी के लिए अपने परिवार का गुजारा चला पाना काफी मुश्किल था क्योंकि नौकरी से मिलने वाली तनख्वाह बहुत कम थी । ऐसे में 4 अन्य बहन-भाईयों के साथ धीरु भाई अंबानी का पढाई करना काफी मुश्किल था इसलिए धीरु भाई अंबानी को अपनी हाई स्कूल की पढाई बीच में ही छोङनी पङी ।
धीरु भाई अंबानी ने शुरुआत में कौन-सा काम किया?
धीरु भाई अंबानी ने अपने घर की आर्थिक तंगी को देखते हुए परिवार का गुजारा करने के लिए अपने पिता के साथ पकौङे और फल बेचने का काम शुरु किया जिनमे कोई खास फायदा नही हुआ । धीरु भाई अंबानी ने गुजरात की कोकिला बाई से शादी की जिनसे उन्हे 2 बेटे और 2 बेटियां हुए मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी , नीना अबांनी और दिप्ति अंबानी । अपने पकौङे और फल के काम में सफल ना होने पर धीरु भाई अंबानी ने अपने पिता की सलाह पर एक नौकरी करनी शुरु कर दी । हर बार की तरह इस बार भी सफलता ना मिलने के कारण धीरु भाई अंबानी ने अपने बङे भाई रमणिक अंबानी के साथ यमन में नौकरी करने का फैसला किया । यमन में धीरु भाई अंबानी पैट्रोल पम्प पर नौकरी करने लगे और करीब 2 साल तक पुरी जिम्मेवारी से यह नौकरी करने के कारण पैट्रोल पम्प के मालिक ने धीरु भाई अंबानी को उनकी कुशलता और योग्यता के कारण मैनेजर के पद पर नियुक्त कर दिया हालांकि यहां काम करने के दौरान भी धीरु भाई अंबानी Business करने के अवसर तलाशते रहते और शुरुआत से ही Business करने का कोई भी मौका अपने हाथ से नही जाने देते थे । शायद धीरु भाई अंबानी का यही जुनून उन्हे भविष्य में सफलता के शिखर पर पहुंचाने वाला था ।
धीरु भाई अंबानी की व्यापार के प्रति क्या लगन थी?
धीरु भाई अंबानी का Business के प्रति उनके रुझान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब वे पैट्रोल पम्प पर 300 रुपये प्रति महीने की नौकरी करते थे तो इस दौरान वहां काम करने वाले कर्मचारियों को 25 पैसे में चाय मिलती थी लेकिन धीरु भाई वह चाय पीने की बजाय एक बङे होटल में 1 रुपये में चाय पीने जाते थे इसका कारण था कि वह उस बङे होटल में चाय पीने के लिए आने वाले बङे-बङे Businessman आदमियों की बाते सुन सकें और व्यापार की छोटी से छोटी बात को समझ सकें ।
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धीरु भाई अंबानी ने लंदन में कौन सा Business किया ?
इस तरह धीरु भाई अंबानी ने अपने Business के सपने को पुरा करने के लिए अपने दैनिक तरीके से शिक्षा हासिल की जिससे बाद में वह एक सफल Businessman बनने पर खरे उतरे । इसके अलावा धीरु भाई अंबानी की Businessman बनने की योग्यता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होने यमन में प्रचलित चांदी के सिक्कों की गलाई लंदन की कम्पनी में यह सोच कर कर दी थी कि चांदी के सिक्कों की कीमत से चांदी का मुल्य ज्यादा होता है । वहीं जब इस बात की खबर यमन की सरकार को लगी तब तक धीरु भाई अंबानी अपने चांदी वाले काम से अच्छा-खासा मुनाफा कमा चुके थे । धीरु भाई अंबानी ने अपने जीवन के तमाम संघर्षौं को पार करके Business की अपार सफलता को हासिल किया था ।
धीरु भाई अंबानी ने यमन से नौकरी क्यो छोङी ?
जब धीरु भाई अंबानी यमन में नौकरी कर रहे थे तो उसी दौरान यमन की आजादी के लिए आंदोलन की शुरुआत हो गई और हालात इतने बिगङ गए थे कि यमन में नौकरी कर रहे सैंकङों भारतीयों को अपनी नौकरी छोङनी पङी ऐसे हालातों में धीरु भाई अंबानी को भी नौकरी छोङकर भारत वापिस लौटना पङा ।
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इन सब के बाद धीरु भाई अंबानी ने भारत में ही अपने Business को शुरु करने का फैसला किया हालांकि किसी भी Business को शुरु करने के लिए रुपये के निवेश करने की बहुत जरुरत होती है परंतु धीरु भाई अंबानी के पास अपना Business शुरु करने के लिए पर्याप्त रकम नही थी तो अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर मसालों के आयात और निर्यात का Business शुरु किया । मसालों का Business शुरु करते हुए धीरु भाई अंबानी ने महज 15000 रुपये की राशी के साथ Reliance Commercial Corporation मस्जिद बंदर की नरसिनाथन स्ट्रीट के पास एक छोटे से Office से की थी जिसमें केवल 1 टैलीफोन ,1 मेज और 3 कुर्सियां थी और यहीं से रिलायंस कम्पनी का उदय हुआ था ।
शुरुआत में धीरु भाई अंबानी का इरादा Business में पोलिस्टर धागे और मसाले के आयात –निर्यात का था लेकिन बाद में अपने चचेरे भाई के साथ Business Partnership साल 1965 में समाप्त कर ली और अपने दम पर ही सूत के व्यापार में अपनी सोच आजमाई व Business को आगे बढाना शुरु कर दिया । धीरु भाई अंबानी को पहले से ही माल की कीमत बढने का अंदाजा था और इस Business में उन्होने जो मुनाफा कमाया वह Business के काफी लाभदायक सिद्ध हुआ ।
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धीरु भाई अंबानी की मिल में बनने वाले कपङे के ब्राण्ड का क्या नाम था ?
सूत के धागे के Business के साथ ही धीरु भाई अंबानी को कपङे के व्यापार की अच्छी समझ हो गई थी और इस व्यापार में अच्छा मुनाफा मिलने के कारण उन्होने 1966 में अहमदाबाद के नरौदा में एक Business मिल की शुरुआत कर दी जहां पर कपङों को बनाने में पोलिस्टर के धागों का इस्तेमाल हुआ । धीरु भाई अंबानी ने इस में बने पोलिस्टर के धागों से कपङे का भी ब्राण्ड का नाम Vimal रखा जो इस ब्राण्ड का नाम धीरु भाई ने अपने बङे भाई के बेटे के नाम Vimal पर रखा ।
साल 1975 में विश्व बैंक की टैक्निशियन टीम ने Reliance Textile के निर्माण का दौरा किया और इसे पूरे विश्व के मानकों में सबसे अच्छा बताया । साल 1980 में धीरु भाई अंबानी ने पोलिस्टर निर्माण का लाईसैंस सरकार से ले लिया और इसके बाद लगतार सफलता की सीढी चढते चले गये ।
धीरु भाई अंबानी ने Reliance का Business कब शुरु किया ?
भारत में EQUITY CULT की शुरुआत करने का क्रैडिट भी धीरु भाई अंबानी को ही जाता है आपको बता दें कि जब 1970 में Reliance ने IPO जारी किया था तो 58000 से ज्यादा निवेशकों ने उसमें निवेश किया था । धीरु भाई अंबानी गुजरात और दुसरे राज्यों के ग्रामिणों को हासिल करने मे सफल रहे कि जो उनकी कम्पनी के शेयर खरीदेगा उसे अपने निवेश पर खूब मुनाफा होगा ।
धीरु भाई अंबानी ने कौन कौन से Business किये ?
दुनिया के जाने-माने Businessman धीरु भाई अंबानी ने अपनी जिन्दगी में Reliance का कारोबार अलग-अलग क्षैत्रों में किया । इनमें Petrochemical ,Telecommunications , Information Technology , Energy, Electricity , Retail , Textile , Infrastructure service , Capital markets और Logistics भी शामिल हैं ।
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धीरु भाई अंबानी की कम्पनी Reliance में कितने कर्मचारी काम करते है ?
एक कमरे के ऑफिस से शुरुआत हुई कम्पनी Reliance में साल 2012 तक करीब 85000 कर्मचारी काम कर रहे थे जबकि केन्द्र सरकार के पुरे Tax में से 5% Reliance देती थी । साल 2012 में दुनिया 500 सबसे अमीर और विशाल कम्पनियों में Reliance को भी शामिल किया गया और धीरु भाई अंबानी को एशिया के Top Businessman की सूची में शामिल किया जा चुका है ।
धीरु भाई अंबानी की मृत्यु कब हुई ?
24 जून 2002 को महान् उधोगपति धीरु भाई अंबानी दिल का दौरा पङने की वजह से हस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां लगातार तबीयत खराब होने के चलते 6 जूलाई 2002 को भारत की इस शख्शियत ने अंतिम सांस ली । उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे मुकेश अंबानी ने उनके कारोबार को बैहद कुशलतापूर्वक संभाला इसलिए मुकेश अंबानी का नाम भारत के सबसे सफल Businessman की सूची में आता है ।
एक बात साफ है कि इस मुकाम तक पहूंचने के लिए धीरु भाई अंबानी ने काफी आलोचनाओं और तेजी-मंदी को झेला था । उन पर अपनी जरुरतों के हिसाब से सरकारी नीतियों में बदलाव करने के आरोप भी खूब लगे थे । आलोचकों द्वारा यह तक कहा गया था कि धीरु भाई अंबानी ने अपने Business प्रतिद्वदियों को भी सरकारी नीतियों से मात दी थी लेकिन धीरु भाई अंबानी के खिलाफ एक भी आरोप साबित ना हो सका और वह अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढते ही रहे ।
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दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि मेरे द्वारा दी गई धीरु भाई अंबानी से संबधित जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपको धीरु भाई अंबानी को लेकर सभी सवालों का उतर मिल गया होगा । अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी तो कृपया ब्लॉग “ हिन्दी शायरी ऐक्सप्रैस ” को Follow करना ना भूलें ।
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